Thursday, March 10, 2016

समाज सेवा ही ईश्वर सेवा के समान है।


किसी भी समाज को स्वयं उन्नति करने के लिये उभाड़ने से पेहले आपको अपने आप को तैयार करना होगा.
आपको अपने लक्ष्यो के बारे मे स्पष्ट और जानकार होना चाहिये; आप जिस समुदाय को लक्ष्य बना रहे है, उसे जानना चहिये; आपमे जरूरी गुण होने चाहिये; आपको समाज सेवा के मूलभूत विचार समझने चाहिये.
सबसे प्रथमिक चीझ है एक जर्नल शुरू करना. एक सस्ती स्कूल कॉपी भी चलेगी. आप चाहे तो चार कॉपिया बना सकते है और उन्को (१) लक्ष्य और विचार (२) उद्देश्य समाज (३) समाज सेवा के गुण (४) दैनिक जर्नल रेकोर्ड; यह चार शिर्षक दे सकते है.
आप जिस तरह चाहे अपने आप को संयोजित कर सकते है मगर इस समय नोट्स और रेकोर्ड बनाना जरूरी है. आपका जो प्रतिस्थापन करेगा वह आपकी जर्नल का पाठक है यह मन मे रख कर लिखें.
यह मोड्युल आपको उन चिझो की जानकारी देता है जो आपको तैयारी करने के लिये चाहिये. मगर यह ना मान ले के तैयारी "केवल एक ही बार" करनी होगी

हम समाज सेवक लगातार इस चेप्टर मे बतायी गई चीझो के बारे मे ज्यादा से ज्यादा सीख रहे है. यह एक कभी न खत्म होने वाला प्रक्रम है, और अगर हम कभी भी यह मान ले के हमे सब आता है तो वह हमारा अन्त होगा.